Listening kya hai
"Listening" ka matlab hota hai "सुनना"। यह एक महत्वपूर्ण सांवादिक कौशल है जिसमें आप ध्यानपूर्वक और समझकर किसी के वचनों और विचारों को सुनते हैं। अच्छी सुनने की क्षमता आपके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह आपको दूसरों के विचारों को समझने और सहयोग करने में मदद करता है।
अच्छी सुनने की क्षमता काम के स्थल पर और व्यक्तिगत संबंधों में भी महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह आपको दूसरों के विचारों, अनुराग और आपत्तियों को समझने में मदद करता है
"Listening" के विभिन्न प्रकार हैं, जो निम्नलिखित हैं:
1.Active Listening (सक्रिय सुनना): इसमें आप संवाद करने वाले व्यक्ति के सभी वचनों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, समझने का प्रयास करते हैं, और सवाल पूछकर स्पष्टीकरण करते हैं।
2.Passive Listening (निष्क्रिय सुनना): इसमें आप सिर्फ सुनते हैं, लेकिन विचारों को समझने का प्रयास नहीं करते हैं, आपका ध्यान विशेष रूप से नहीं बना रहता है।
3.Empathetic Listening (सहानुभूति सुनना): इसमें आप ध्यानपूर्वक सुनते हैं और संवाद करने वाले की भावनाओं और भावनाओं को समझने का प्रयास करते हैं।
4.Critical Listening (आलोचक सुनना): इसमें आप विचारों को विशेषत: नैतिकता, तार्किकता, और समझाने के प्रयास के साथ सुनते हैं।
5.Appreciative Listening (प्रशंसा सुनना): इसमें आप सुनने का आनंद लेते हैं और समय के साथ विचारों की प्रशंसा करते हैं, जैसे कि संगीत का सुनना।
6.Discriminative Listening (विभिन्न ध्यान देने की क्षमता): इसमें आप आवाज के विभिन्न घटकों को पहचानने की क्षमता विकसित करते हैं, जैसे कि ध्वनि, शब्द, और ध्वनि की सूचनाओं को पहचानना।
ये सभी प्रकार के सुनने के तरीके विभिन्न प्रायोजनों के लिए प्रयोग किए जा सकते हैं और आपके संवादिक कौशलों को सुधारने में मदद कर सकते हैं।
Comments
Post a Comment